Thursday 4 April 2013








खुद को भुला के
तुझको चाहा मैंने
तुम्हारे बिना मेरी
जिंदगी कितनी अधूरी
होती इसका अंदाजा
भी नहीं है तुम्हें
तुम्हारी हर नज़र में
रवानगी सी हैं
तुम्हारी हर अदा में
दीवानगी सी है
तुहारा प्यार है तो
मुझमे रूहानियत सी हैं
तुम हो तो में ज़िंदा हूँ
मुझमे जीने की उमंग है
तुम्हारा प्यार हैं तो
जैसे सबकुछ पा लिया मैंने
खुद को भुला के
तुझको चाहा मैंने......

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