तेरे लाख चाहने वाले होंगे
मेरा कोई तेरे सिवा नहीं
तेरे बाद मेरी निगाहों में
कोई और मुझे जंचता नहीं
मैं किसी की होके रहीं नहीं
मेरा कोई होके रहा नहीं
मेरी मंजिलों का निशां है तू
मेरे दिल को तेरे दिल तक
कोई रास्ता मिला ही नहीं
अब क्या किसी से गिला करू
जब तुमने ही मुझे अपने
प्यार के काबिल समझा ही नहीं
pyar hi pyar :)
ReplyDeleteमंगलकामनाएं आपको !
ReplyDeleteबहुत सुन्दर भाव एवं भाषा। स्वयं शून्य
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